साक्ष्यों का विस्तार
साक्ष्य आधारित मजबूत नीति बनाने के लिए प्राथमिकता केंद्रित क्षेत्रों पर शोध (नीचे उल्लिखित) करना। इन क्षेत्रों में अनुसंधान बहु-क्षेत्रीय और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों के रोकथाम पर केंद्रित होगा।
क्षमता निर्माण
र्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान के लिए क्षमता निर्माण पर जोर –
- लघु और डिग्री पाठ्यक्रम/कार्यक्रम- पर्यावरणीय स्वास्थ्य विषय के प्रत्येक क्षेत्रों को केंद्र में रखते हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जनस्वास्थ्य चिकित्सक और छात्रों के लिए PHFI, TISS के सहयोग से, विषय आधारित अल्प अवधि और परास्नातक स्तर का जन स्वास्थ्य विषयक पाठ्यक्रम विकसित करेगा ।
- शोध अनुदान – छात्रों और आरंभिक कैरियर शोधकर्ताओं को उनकी थीसिस और अनुसंधान विकास के लिए अनुदान (आर्थिक एवं तकनिकी) मुहैया कराना साथ ही शोध विशेषज्ञों के अदला -बदली (exchange-program) के अवसर प्रदान करना।
भारत में पर्यावरणीय स्वास्थ्य संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करना।
उभरते हुए पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्याओं पर भारत भर से विशेषज्ञों को एक साथ लाकर बहस और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना।
नीति संलग्नता (पॉलिसी इंगेजमेंट)
केंद्रित और रचनात्मक संवाद के माध्यम से नीतिगत विकास को सूचित करने के लिए प्रमुख हितधारकों के साथ अनुसंधान और नीति पर उच्च-स्तरीय बातचीत का आयोजन; कार्यक्रम और नीति-संबंधित संक्षिप्त विवरणों का विकास और प्रसार करना|
सामुदायिक जुड़ाव
अपने कार्यक्रमों में प्रभावशाली समुदाय-आधारित भागीदारी शोध और हस्क्षेप तरीकों को अपनाना;, समुदाय आधारित संगठनो के साथ काम करना और केंद्र की गतिविधियों के प्रभावी परिणामों को सुनिश्चित करने के लिए इस हितधारक समूह के बीच जागरूकता बढ़ाने पर जोर देना।