उच्च जनसंख्या घनत्व, चरम तापमान, व्यावसायिक जोखिम, जटिल निर्मित परिवेश और सामाजिक आर्थिक स्थिति आदि कई अतिरिक्त कारकों के कारण वायु प्रदूषण का प्रभाव बढ़ जाता है। आजतक वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों पर सबसे अधिक शोध विकसित देशों में की गयी है । परन्तु भारत जैसे कम या मध्यम आय वाले देशों में शहरी परिवेशों में वायु प्रदूषणऔर इसके स्वास्थ्य प्रभावों को जोड़ने वाली शोध साक्ष्य सीमित है।
भारत में गैर-संचारी (असंक्रामक) रोग जैसे कि हृदय संबंधी रोग, मधुमेह (टाइप -2), चिरकारी श्वसन रोग और कैंसर दिनों-दिन वृद्धि पर हैं। हालांकि कई और कारक, जैसे कि आहार और शारीरिक गतिविधियाँ, भारत में इन रोगों में योगदान करने के लिए ज्ञात हैं, बहु-प्रदूषक जोखिमों और अन्य पर्यावरणीय कारणों के संदर्भ में वायु प्रदूषण और हृदय रोग के बीच कड़ी को जोड़ने पर अभी बहुत कम शोध हुआ है। इसके अलावा, विशेष रूप से भारत में वायु प्रदूषण और हृदय रोगों के बीच के संबंध के मध्यस्थों के रूप में डीएनए मेथाइलेशन (DNA methylation) और विटामिन डी रक्त स्तर की संभावित भूमिकाओं की जांच करने के लिए कोई अध्ययन नहीं हुआ है।
वैश्विक पर्यावरणीय और व्यावसायिक स्वास्थ्य (GEOHealth) पी. एच. एफ. आई. (PHFI) और हॉवर्ड स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ की साझा परियोजना है जो फॉगर्टी इंटरनेशनल सेंटर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ, सयुंक्त राज्य अमेरिका द्वारा समर्थित है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत में आवश्यक वैज्ञानिक अवसंरचना विकास और क्षमता बढ़ाने तथा वायु प्रदूषण और हृदय-चयापचय (cardio-metabolic) जोखिम कारकों एवं रोगों के बीच संबंधों को पूरी तरह से चिह्नित करने के लिए अनुसंधान में जरुरी सहायता करना है। परियोजना का लक्ष्य है कि भारत में पर्यावरणीय स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण कोर का निर्माण हो जो स्वास्थ्य केंद्रित नीति-निर्माण के लिए साक्ष्य आधार विकसित करने में मदद करेगा।
इस परियोजना के विशिष्ट उद्देश्यों में शामिल हैं:
- चेन्नई और दिल्ली मे व्यापक वायु प्रदूषण से वहाँ के परिवेश मे होने वाले जोखिमों के आकलन के लिए एक प्रारूप (मॉडल) विकसित करना।
- व्यापक वायु प्रदुषण, तापमान, कार्डियो-मेटाबोलिक जोखिम कारकों और बीमारियों के बीच संबंधों का तथा उसकी संवेदनशीलता का आकलन करना।
- वायु प्रदूषण के साथ जुड़े डीएनए मेथिलिकेशन पैटर्न का पता लगाना और जाँचना कि क्या उनके द्वारा पारिवेशिक वायु प्रदूषण की मध्यस्थता से होने वाले वाले कार्डियो-मेटाबोलिक स्वास्थ्य प्रभावों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
- पारिवेशिक वायु प्रदूषण और विटामिन डी स्तरों के बीच संबंधों का पता लगाना।
अन्य भावी उद्देश्यों में शामिल हैं:
- अन्य सहयोगिओं द्वारा एकत्र किए गए स्वास्थ्य डेटा को उपयोग करने के लिए अनावरण प्रारूप (Exposure Model) का अखिल भारतीय स्तर पर विस्तार करना।
- शहरी पस्थिति में व्यक्तिगत अनावरण पैटर्न (exposure pattern) को निरूपित करना और पता लगाना कि वह स्थान, सामाजिक आर्थिक परिस्थिति, व्यवसाय एवं यात्रा के तरीके के आधार पर कैसेभिन्न हैं।